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बुधवार, 29 दिसंबर 2010

जैसे लगता है बस, तू ही है, बस तू ही है.......

उफ़ ये तेरी अदा , कर देती है हमको तुझ पर फ़िदा 
उफ़ तेरी ये झुल्फे , लगती है जैसे बादल की हो घटा
उफ़ ये तेरे नयन , दे जाते हैं हमे क्यों सदा 
उफ़ तेरी खुशबू  , महका देती है ये फिजा 
यूँ न देखो , हमे तुम और ऐसे 
भूल जाता हूँ मैं,  अपने होने की वजह 
जैसे लगता है बस,  तू ही है, बस तू ही है 
मेरे जिंदा रहने की वजह.......... 

वो पहली बारिश ,वो पहला प्यार.........


वो दोस्तों दा प्यार, वो  खट्टी मीठी तकरार
वो पापा की डांट , वो मम्मी दा प्यार
वो पुदीने दी चटनी ,वो आम का अचार
वो रोज़ छुट्टी स्कूल की ,वो मिली जुली सरकार 
वो पहली बारिश ,वो पहला प्यार
वो खेलना क्रिकेट , हर इतवार 
वो दिवाली की रौशनी , वो रंगों का त्यौहार
वो पापा का देना , जन्मदिन पर उपहार
वो कहना सभी का , आपका बेटा है होशियार
वो चुस्की का स्वाद, वो चूरन ज़ोरदार 
वो शक्तिमान का हर शनिवार ,करना चमत्कार 
वो क्रूर सिंह का कहना  ,यक्कू  हर रविवार 
वो यादें है अब तो बस ,जो आये बारबार
वो बचपन भी बीता,वो छूटा घरबार
वो करने लगे देखो ,हम भी रोजगार 
वो छूटे जो अपने , याद आये हरबार
वो फिर से मैं चाहूँ , लौट आये दिन वो यार
वो जब हर दिल में  ,बस भरा था प्यार ही प्यार.............. 

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

करके खुदा से , अपनी सिफारिश........

करके खुदा से , अपनी सिफारिश 
करते हैं उस से , बस इतनी गुज़ारिश 
कर दे वो अब तो , हम पे भी बारिश 
रह जाये ना अधूरी , अब अपनी कोई ख्वाहिश........

Christmas का त्यौहार है आया.........

Christmas का त्यौहार है आया , ले कर खुशियाँ संग वो लाया
Santa भी देखो है आया, कुछ न कुछ सबके लिए लाया
तुम भी अपनी मुट्ठी खोलो ,देखो क्या तुमने है पाया
देखे थे तुमने जो सपने , अब पूरे होने को आया...........



सोमवार, 20 दिसंबर 2010

दिल की बातें , लब्जो में यूँ की नहीं जाती..........

दिल की बातें , लब्जो में यूँ की नहीं जाती
ये मुलाकाते , महफ़िल में यूँ की नहीं जाती |
कर देती है ,आँखें ही चाहत का बयां
दे देती है ,पल भर में दिल का पैगाम ||
कैसे कहते हो ,हमे यूँ ना देखा करो
इन आखों को ना देखने की गुस्ताखी , हमसे की नहीं जाती ..........

गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

न समझना हमे ग़ालिब,और न कोई खयाम........


जाते हैं अन्दर जैसे एक दो जाम ,लेने लगते हैं हम बस उनके ही नाम
उड़ने लगते हैं सपने ,ले कर ख्वाहिशो की उड़ान
न समझना हमे ग़ालिब,और न कोई खयाम
ये तो बाते हैं दिल की ,जिन्हें देते हैं शायरी का आप नाम ..........



नम आँखों में भी एक सपने की जगह मिल जाये....

ज़िन्दगी को बस एक जीने की वजह मिले जाये तो क्या 
नम आँखों में भी एक सपने की जगह मिल जाये तो क्या ||
मिलता नहीं है इस जहाँ में मुकद्दर ऐसे दोस्तों
होता नहीं है उस खुदा का दीदार ऐसे दोस्तों  ||
गर करना हो हासिल ये जहाँ तुम्हे दोस्तों
तो मौत से भी टकराना पड़ जाये भी तो क्या.......

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

घर आ जा परदेशी तुझे देश बुलाये रे...........


देश की मिटटी बुलाये , वास्ता दे कर हमे 
कह रहा है अब तो बाबुल , भूल न जाना हमे  ||

घर का आँगन भी है सूना , राह देखे , दिन रात वो
सोच कर , की एक दिन , लौट कर आएगा वो  |

कर ख़तम विरानियत को , फिर से खुशियाँ लायेगा वो
बस न जाना तू यहाँ अब , जी न पायेंगे बिछड़ के वो |

लौट जा तू उस बगीचे में ,बागवान है, जिसके तेरे वो 
उठ न पाएंगे कभी वो , टूटे जो गम में तेरे वो  ||

अब तो बस ,उनका दिल ये बोले , लौट आ , तू अब लौट आ .....................



प्राण प्रिये हो तुम तो मेरी.............

उनकी बातें हैं, हमको लगती , जैसे कोई ,गीत सुनहरा 
उनकी हँसीं पर तो जैसे ,न हो किसी का पहरा |

हसती जब  है वो  ,तो जैसे फूलों की बारिश है होती 
देखता रह जाता हूँ  बस उनको  , पलके जैसे बंद न होती  ||

उस खुदा ने की है रहमत, दे दिया जो साथ तेरा
अब न चाहूँ कुछ इस से ज्यादा , संग रहे बस साथ तेरा  |

प्राण प्रिये हो तुम तो मेरी , जान भी चाहे तो ले जा 
सह लिया है बहुत दूरियां  , अब तो आ जा , अब तो आ जा...... ||


गुरुवार, 25 नवंबर 2010

ये मेरा वतन है ,ये मेरा चमन ....

ज़िन्दगी क्या है?? क्या सोचा है कभी?ये ख्याल आया है जेहन में ,मेरे अभी
लड़ते झगड़ते हैं हम युहीं यही, पैसा पैसा करने में लगे हैं सभी 
ना देश के लिय कुछ करने का जुनून , ना देना क़ुरबानी किसी के लिए कभी
कहते है कुछ ना होगा इस देश का कभी, पर करते है क्या, कुछ हम भी कभी?
हो गया है क्यों मतलबी, यहाँ हर कोई, जीता है बस खुद के लिए वो अभी
कभी तो एक पल उनको भी दो, जिनका नहीं है संग में अपना कोई 
क्यों जीतना बस चाहे, हर कोई बस अभी, हारने का मज़ा भी तो ले लो तुम कभी
ज़रूरी नहीं की जो रहा गया तेरे पीछे, काबिलयित की उसमे कोई है कमी 
जीतेगा एक दिन वो भी कभी,पर मौका तो दो उसको भी सभी
करना कुछ चाहो गर सच में कभी,देना तुम मुस्कान एक चेहरे पे युहीं
फैलाव अब यूँ तुम ज्ञान की लहर,भागे अशिक्षा के सारे प्रहर
न सोये कोई भूखा ,न हो कोई अनाथ ,न छीने किसी से किसी का कोई घर
आओं हम मिल कर अब दे ये वचन ,मिल कर बनाएँगे एक सुनहरा वतन
देखे थे जो सो सपने शहीदों ने कभी, पूरा करेंगे उसे ,मिल कर हम सभी 
होगा ये गुलिस्ता , बस खुशियों का चमन 
ये मेरा वतन है ,ये मेरा चमन ...............

..



बुधवार, 24 नवंबर 2010

लौटा दो वो बचपन.......

ज़र्रा ज़र्रा बेगाना लगता है, हमको तो ये सब फ़साना लगता है
वो बचपन की यादें ,वो बीता हुआ कल, क्यों अब सब वो हमको अफसाना लगता है
वो पहली बारिश की बूदो का गिरना, वो छोटी सी बातो पर लड़ना झगड़ना
वो पापा की डांट,वो मम्मी का प्यार, वो दोस्तों के सामने युहीं ही अकड़ना 
गाजर का हलवा,वो जलेबी का स्वाद,आता है हमको अभी भी वो याद
वो होली के रंग, वो दिवाली की सौगात,क्यों सीधी नहीं अब हर उतनी बात
वो लिखना खतो में,आसान थी हर बात,अब कह नहीं पाते वही अब दिल की कोई बात 
दुनिया हुई छोटी ,पर अपने हुए दूर,पा कर भी सब कुछ , क्यों हो गए हम मजबूर
ना चाहूं ये दौलत ना चाहूँ ये घर बार, दे दो बस हमको वो बचपन उधार
ना दिल में हो इर्षा , ना हो कोई तकरार, दिल में भरा हो जब बस प्यार ही प्यार 

 

चाहत जीने की.........

जीने की चाहत अब फिर से है जगी , खुशियाँ और गम दोनों मिलते हैं यहीँ
ना होना अब गुमसुम ,ना होना उदास,जियेंगे अब हँसके ये दुनिया यही
रखेंगे कदम अब आगे युहीं , पल पल जियेंगे एक दुनिया नयी
आ जाऊ तुम भी ,अब बढाओ कदम,पाएंगे खुशियाँ अब मिलके यहीँ......

थोड़ी देर से जो आया हूँ अगर........

थोड़ी देर से जो आया हूँ अगर, थोडा वक़्त भी संग लाया हूँ मगर 
कुछ पन्ने रह गए अनछुए ,कुछ बाते सिमटी हुई है मगर
एक बार जो उठ के आओगे अगर,रूह के दीदार करोगे अगर
रह जायेंगे ना दुःख के कोई पहर  ,फैलेगी खुशियों की ही लहर.......


फैलाओ तुम उजियारा.......

खुशियों के पत्ते , जैसे हैं बहते
हँसीं की वो डाली , ना रहने दो खाली
फैलाओ खुशियाँ , हो जैसे खुशबू फूलों की 
दे जाओ तुम मकसद लोगो को जीने की
रह जाये ना अँधेरा , जैसे रात अमावास की
फैलाओ तुम उजियारा ,बन के किरणे सूरज की.......

मुस्कराते रहिये.........

कभी  कभी  तो  अपने अक्स  भी  रूठ जाया  करते  हैं
कभी  कभी  तो  अपने  भी  रुलाया  करते  हैं
पर  होना  ना उदास  इन  बातों से कभी
क्यों  की उदास  चेहरों  पर  ही  तो  हम  मुस्कान लाया  करते  हैं .......

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा........

सुहानी  फिजा  है  ,रूहानी  हवा  है  ,फैली  है  खुशबू ,पत्ते  पत्ते  में  रवां  है
होती  है  हलचल ,कुदरत  की यहाँ  है ,वो  मेरा  वतन  है ,वो  मेरा  जहाँ  है......

 


हम एक दिया जला दे .......

रोते हुए को हसना सिखा दे , मरते हुए को जीना सिखा दे
ना फैलाओ अब और अँधेरा, आ जाओ अब हम एक दिया जला दे .....

 


 

 

 

मैं हूँ मनमाना.......

टाटा ,बिरला  ना  अम्बानी , करता  फिर  भी  हूँ  मनमानी
सोचा  करता  हूँ  मैं  कुछ  ना  कुछ ,जाने  क्या  करने  को ठानी
देना  चाहू  सबको  खुशियाँ ,ना  आये  कोई  बेईमानी
दुःख -सुख है  तो  आने  जाने ,ना  टूटे  ये  प्रीत  पुरानी............

 


भूल जा मुस्करा ......

रह जाये गर दर्द दिल में तेरे , सपने बिखर गए गर टूट के तेरे.
रुकने न देना वहीँ कदमो को तेरे, आगे बढ़ जाना ये भाई मेरे.
आएगी फिर सुबह इन अंधेरो के बाद ,धड्केगा दिल तेरा यूँ रुकने के बाद.
जीना है फिर से ज़िन्दगी नयी,करनी है पूरी तुझको ख्वाहिशे तेरी.
हो जा तू तयार ले कर एक नयी उमंग ,उड़ने दे तू अब अपने ज़िन्दगी की पतंग

होगा ज़माना तेरे कदमो तले,खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी तेरे संग......... 



आया हूँ मैं यहाँ ..............

आया हूँ मैं ले कर ख़ुशी का तराना, बन जायेगा देखो ये कैसा फ़साना
देकर तू आंसू किसी को ना सताना ,हस्ते ही रहना और हसना हसाना......