ज़िन्दगी का एक और साल....
ख़त्म हो गया है फिलहाल.....
कुछ गम के झरोके , कुछ खुशियों के पल....
कुछ सिखा गया ये जीने की चाल...
पीछे मुड कर देखूं ,सोचूँ ....
क्या खोया और क्या मैंने पाया...
जो सपने देखे थे मैंने ...
क्या उनको पूरा कर पाया....
कुछ तो सीखा है मैंने ..
व्यर्थ नहीं गया ये साल..
कुछ तो पाया है मैंने...
जीने का अर्थ , समझा गया ये साल...