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रविवार, 15 मई 2011

पीछे मुड कर देखूं ,सोचूँ .....

ज़िन्दगी का एक और साल....
ख़त्म हो गया है फिलहाल.....
कुछ गम के झरोके , कुछ खुशियों के पल....
कुछ सिखा गया ये जीने की चाल...

पीछे मुड कर देखूं ,सोचूँ ....
क्या खोया और क्या मैंने पाया...
जो सपने देखे थे मैंने ...
क्या उनको पूरा कर पाया....

कुछ तो सीखा है मैंने ..
व्यर्थ नहीं गया ये साल..
कुछ तो पाया है मैंने...
जीने का अर्थ , समझा गया ये साल...

शुक्रवार, 13 मई 2011

मैं क्या हूँ ,क्यों हूँ , क्या करना है मुझे...

मैं क्या हूँ ,क्यों हूँ , क्या करना है मुझे...
इस जीवन की उलझन में ,क्यों उलझा हूँ मैं...
क्यों दिखती नहीं मंजिल ,या रहे गुज़र...
क्यों लगती है मुश्किल , जीने की ये डगर.....

गुरुवार, 5 मई 2011

एक फरमाईश हमने भी की थी...........

घर से निकलते हुए....
एक ख्वाहिश हमने भी की थी.....

अपनों से बिछड़ते हुए....
एक फरमाईश हमने भी की थी.....

दिल के पन्नो पर यूँ लिख कर अपने ज़ज्बात...
तेरी आशिक़ी की चाहत हमने भी की थी.....

ना हो कभी हम फिर से यूँ जुदा....
उस खुदा से ये गुज़ारिश हमने भी की थी...

सोचा न था आ जायेगा ये मोड़....
यूँ दामन छुड़ा जाने की साजिश , हमने न की थी........

सोमवार, 2 मई 2011

जिनसे तेरी ये जीवन डोर बधी है..........

जाने कैसे ये Race लगी है......
दौड़ रहा हर एक आदमी ........
सबको होना है , सबसे आगे...
ये देखो कैसी प्रीत लगी है...

एक बार है मिली ये ज़िन्दगी...
ना मिलने वाली है ये दुबारा...
फिर क्यों जीता है ऐसे तू...
पैसे के पीछे फिरता है मारा...

खाली हाथ आये थे बन्धु...
चले जाना है खाली हाथ...
जी लो संग कुछ पल खुशियों के...
जिनसे तेरी ये जीवन डोर बधी है.........

हर रोने वाले को हसने का एक बहाना मिल जाये.......

हर डूबने वाले को , एक तिनके का सहारा मिल जाये......
हर कश्ती को , उसका किनारा मिल जाये....

कर जाना तुम ,बस कुछ ऐसी एक ख़ता ....
हर रोने वाले को हसने का एक बहाना मिल जाये.......

रविवार, 1 मई 2011

ग़ालिब से उसकी ग़ज़ल छीन ली......

ग़ालिब से उसकी ग़ज़ल छीन ली...
राझां से उसकी हीर छीन ली...
ये दुनिया है दोस्तों ज़ालिम बड़ी...
इसने जीने की हमसे वजह छीन ली.......

जब होता है ये एहसास , की दूर आ गए हैं हम......

वक़्त का पहिया यूँ निकल जाता है ..
अपनों का दामन यूँ छूट जाता है..
जब होता है ये एहसास , की दूर आ गए हैं हम...
तब तलक , पीछे जाने का रास्ता ही टूट जाता है.....