पृष्ठ

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

प्राण प्रिये हो तुम तो मेरी.............

उनकी बातें हैं, हमको लगती , जैसे कोई ,गीत सुनहरा 
उनकी हँसीं पर तो जैसे ,न हो किसी का पहरा |

हसती जब  है वो  ,तो जैसे फूलों की बारिश है होती 
देखता रह जाता हूँ  बस उनको  , पलके जैसे बंद न होती  ||

उस खुदा ने की है रहमत, दे दिया जो साथ तेरा
अब न चाहूँ कुछ इस से ज्यादा , संग रहे बस साथ तेरा  |

प्राण प्रिये हो तुम तो मेरी , जान भी चाहे तो ले जा 
सह लिया है बहुत दूरियां  , अब तो आ जा , अब तो आ जा...... ||


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें