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शनिवार, 10 मार्च 2012

श्वेता और गौरव में लगी, प्रेम लगन...........

पलछिन , एक चिन्ह , एक गहराई जैसे....
वो है मेरी बस , एक परछाई जैसे...

हँसती है वो ऐसे, हँसा जाती है हमे...
यूँ देख कर एक नज़र , गुद गुदा जाती है हमे...

उस खुदा की रहमत से , मिले है हम तुम...
इक प्रेम की डोर से , बधे हैं हम तुम...

संग है अपना ,अब जन्मो जनम...
श्वेता और गौरव में लगी,  प्रेम लगन...

शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे …

इस सफ़र का सफ़र, और ये राहे गुज़र...
दिल में जैसे उठती है, बस एक लहर..


तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे...
लग रहे हैं अब तो युग ,जैसे एक एक प्रहर...


बस रहे अपना संग, यूँही ज़न्मो जन्म..
प्यार बढ़ता रहे , हो न कभी कोई गम...