मैं शायर बदनाम........
Main Shayar Badnam......
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बुधवार, 24 नवंबर 2010
फैलाओ तुम उजियारा.......
खुशियों के पत्ते , जैसे हैं बहते
हँसीं की वो डाली , ना रहने दो खाली
फैलाओ खुशियाँ , हो जैसे खुशबू फूलों की
दे जाओ तुम मकसद लोगो को जीने की
रह जाये ना अँधेरा , जैसे रात अमावास की
फैलाओ तुम उजियारा ,बन के किरणे सूरज की.......
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