पृष्ठ

शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे …

इस सफ़र का सफ़र, और ये राहे गुज़र...
दिल में जैसे उठती है, बस एक लहर..


तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे...
लग रहे हैं अब तो युग ,जैसे एक एक प्रहर...


बस रहे अपना संग, यूँही ज़न्मो जन्म..
प्यार बढ़ता रहे , हो न कभी कोई गम...