उफ़ ये तेरी अदा , कर देती है हमको तुझ पर फ़िदा
उफ़ तेरी ये झुल्फे , लगती है जैसे बादल की हो घटा
उफ़ ये तेरे नयन , दे जाते हैं हमे क्यों सदा
उफ़ तेरी खुशबू , महका देती है ये फिजा
यूँ न देखो , हमे तुम और ऐसे
भूल जाता हूँ मैं, अपने होने की वजह
जैसे लगता है बस, तू ही है, बस तू ही है
मेरे जिंदा रहने की वजह..........
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