वक़्त के पन्नों पर लिख कर यादें , स्याह से रंग दी वो मुलाकाते .....
बंद कर ली है अब तो मुट्ठी , गिरने न देंगे वो सौगातें..........
राह नयी खोजी है हमने , चलने लगे हम यूँ मुस्काते
याद की कुछ चंद तितलिया , संग उड़ रही आते जाते ........
महक आ रही भीनी भीनी , जैसे हो रही हो बरसाते..
भीग गया है अब तो मन भी , पंख लगा उड़ते ही जाते ........
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