पृष्ठ

बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

ज़िन्दगी के पन्नों पर लिखी एक कहानी जैसी ........


ज़िन्दगी के पन्नों पर लिखी एक कहानी जैसे...
कुछ खट्टे ,कुछ मीठे पलो की जुबानी जैसे  ...

यादें हैं कुछ जो हँसा जाती है हमे...
कुछ ऐसे भी हैं जो आँखें नम कर जाती है जैसे ...

वक़्त जैसे थम सा गया हो ,
लगती है कल की हो वो बाते जैसे ..

हस लेते थे जब यूँ ही छोटी छोटी बातों पर ,
ज़िन्दगी थी परियों की कहानी जैसे ..........

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें