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मंगलवार, 11 जनवरी 2011

शवेत शवेत सी उजली चादर , जैसे उसने फैलाई खुद आ कर......

शवेत शवेत सी उजली चादर , जैसे उसने फैलाई खुद आ कर
बर्फ गिर रहे ऐसे जैसे , हो शवेत सी वो एक झाझर
देख प्रकति की ये अब लीला , करने लगे देखो हम भी  क्रीड़ा
खेल रहे हैं बर्फ के गोले से , नहीं दे रहे वो कुछ पीड़ा.....

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