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सोमवार, 16 जुलाई 2018

वान्या , खुदा की नेमत......

हसती रहे , मुस्कराती  रहे....
मेरी वान्या तू युहीं , खिलखिलाती रहे.....

खुदा की तू रहमत , खुदा की तू नूर....
पा के तुझे पायी , खुशियां भरपूर.....

हर जवाब पे सवाल ,हर सवाल पे जवाब
पूछे मुझे हर पल वो पहेलियाँ नयी

बेटी मेरी वो ,कभी माँ भी लगे
नानी जैसे बाते कभी वो करे

उसके सवालों के जवाब ,शायद सारे मुझपे ना हो
बस उसके जवाबों पे, खुश हो जाऊं युहीं

कहानी सुनाती, कभी लोरी सुनाये
पापा के जैसे, डाँटे भी कभी

जियूं उसके संग,फिर से बचपन मेरा....
आखें उसकी जैसे हो आयना मेरा....

बस दिल यही मांगे,खुदा से दुआ....

हसती रहे , मुस्कराती रहे...
मेरी वान्या यूहीं ,खिलखिलाती रहे.... 

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