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रविवार, 18 जून 2017

कर के अलविदा ,तुमसे Niagara .... आऊंगा फिर से ये हैं वादा हमारा .....

May - 2011 - 1st  Visit Alone 

ये झरने की झम झम ,ये पानी की खन खन....... 

महकायें तन मेरा ,लूटे मेरा मन....... 

कहता है ये पानी ,झरने का जैसे ...... 

न जाओ ,यहीं रुक जाओ ,यहीं जीवन हो जैसे ..... 

करके अलविदा ,तुमसे Niagara ...... 

आऊंगा मैं फिर से , ये है वादा  हमारा ....... 


June -2017 - 2nd Visit with Family(Vanya  & Shweta )

आया हूँ  फ़िर  से  , पूरा  करने  वो  वादा  पुराना
इस  बाऱ है  संग , मेरी गुड़िया  ,औऱ जीवनसाथी  हमारा 

6  साल  का  था  , ये इंतज़ार  हमारा .....
बदला है  काफ़ी  ,तब  से  वैसे  यूँ  ज़माना .....

पर  तुम  न  बदले , हम  भी  न  बदले ..
लहरा  रहे  तुम  , गाते  वही  तराना ....

तब  थे  अकेले  हम  ,झूमें  भी  अकेले  हम
वान्या  और  श्वेता संग  है  अभी  तो , न  ख़ुशियों  का  ठिकाना .....

महक़ते  रहो  युहीं , यही  बस  दुआ  है  हमारी .....
देते  रहो  सबको  युहीं  खुशियाँ  सारी ...

तुम  भी  महकों ,हम  भी  महके , और  महकता  रहे युहीं  चमन  हमारा .......

कर  के अलविदा  ,तुमसे  Niagara
आऊंगा फिर  से  ये  हैं  वादा  हमारा .....

इस बार संग  होगा ........
                                ...................  बाग़बान भी हमारा ….. To be continued (next visit with Mom and Dad...)

July 2023 -3rd Visit with Family and Friends

फिर आया हूँ तुझे मिलने वो Niagra.
साल गिने तो हुआ फिर से वही ६ साल 
पता नहीं ये ६ साल का क़िस्सा है क्या 
बागवान नहीं एस बार भी संग ,
ग़र संग लाया हूँ एक दोस्त पुराना 

बिटिया वान्या , ने कड़ी बड़ी मस्तियाँ 
संग हमने गया, फिर से वही तराना.

करके अलविदा तुमसे niagra
आऊँगा फिर से ये है वादा है हमारा


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