इस सफ़र का सफ़र, और ये राहे गुज़र...
दिल में जैसे उठती है, बस एक लहर..
तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे...
लग रहे हैं अब तो युग ,जैसे एक एक प्रहर...
बस रहे अपना संग, यूँही ज़न्मो जन्म..
प्यार बढ़ता रहे , हो न कभी कोई गम...
दिल में जैसे उठती है, बस एक लहर..
तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे...
लग रहे हैं अब तो युग ,जैसे एक एक प्रहर...
बस रहे अपना संग, यूँही ज़न्मो जन्म..
प्यार बढ़ता रहे , हो न कभी कोई गम...
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