एक है गाँधी का भक्त वो ,लड़ रहा है सबके लिए
क्या हम भी जागेंगे अब, संग खड़े हो उसके लिए
जान भी जाये भी अब तो ,अब और न सह पाएंगे
देश अपना है बचाना ,हम वतन पर मिट जायेंगे
जागो अब ये हिन्दुस्तानी , अब दिख्वाओ अपनी जवानी
एक बूढा ललकार रहा है ,दे रहा है अपनी वो कुरबानी
अब नहीं जागे अगर हम , ख़त्म हो जायेगा अपना चमन
चाट जायेंगे ये दीमक , मिट जायेगा अपना वतन
अब नहीं चलने ये वाला ,की कुछ नहीं हो पायेगा
जब मिलेंगे ये हाथ सब ,तब कोई न टिक पायगा...........
क्या हम भी जागेंगे अब, संग खड़े हो उसके लिए
जान भी जाये भी अब तो ,अब और न सह पाएंगे
देश अपना है बचाना ,हम वतन पर मिट जायेंगे
जागो अब ये हिन्दुस्तानी , अब दिख्वाओ अपनी जवानी
एक बूढा ललकार रहा है ,दे रहा है अपनी वो कुरबानी
अब नहीं जागे अगर हम , ख़त्म हो जायेगा अपना चमन
चाट जायेंगे ये दीमक , मिट जायेगा अपना वतन
अब नहीं चलने ये वाला ,की कुछ नहीं हो पायेगा
जब मिलेंगे ये हाथ सब ,तब कोई न टिक पायगा...........
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