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रविवार, 20 दिसंबर 2020

ये दोस्त .... तू कहाँ गुमशुदा है....?

 ये दोस्त.......


ये दोस्त ....  तू  कहाँ  गुमशुदा है....?

ये दोस्त ..... तू  कहाँ  गुमशुदा है....?


ये दोस्त  , तू क्या खुद से ही छुपा है......?


याद है तुझे वो दिन क्या  ?  

जब दिन रात साथ घूमा करते थे हम  ?


लॉप  स्टॉप  की सीढ़ियों  पे बैठ....                    

टाइम  पास  किया करते थे हम....... 


जेब  थी छोटी मगर , पर दिल शायद बड़ा था.... 

हर एक दिन कोई न कोई एक शख्स , खुद से बिल देने के लिए खड़ा  था...... 


वो १०० रुपये की कुछ दस, बारह पत्तियां...... 

जो पापा भिजवाते थे........ 


दी है उसने, वो सारी खुशियां ........ 

लगती  कितनी  बेशकीमती अब वो...... 

                                                                                        To Be Continued........


रविवार, 31 मई 2020

कोरोना काल........Corona Time.....

सोचा न था एक वक़्त यूँ भी आएगा ..... 

एक इंसान के अलावा......  जब हर जीव आज़ाद  होगा........... 

सोमवार, 16 जुलाई 2018

वान्या , खुदा की नेमत......

हसती रहे , मुस्कराती  रहे....
मेरी वान्या तू युहीं , खिलखिलाती रहे.....

खुदा की तू रहमत , खुदा की तू नूर....
पा के तुझे पायी , खुशियां भरपूर.....

हर जवाब पे सवाल ,हर सवाल पे जवाब
पूछे मुझे हर पल वो पहेलियाँ नयी

बेटी मेरी वो ,कभी माँ भी लगे
नानी जैसे बाते कभी वो करे

उसके सवालों के जवाब ,शायद सारे मुझपे ना हो
बस उसके जवाबों पे, खुश हो जाऊं युहीं

कहानी सुनाती, कभी लोरी सुनाये
पापा के जैसे, डाँटे भी कभी

जियूं उसके संग,फिर से बचपन मेरा....
आखें उसकी जैसे हो आयना मेरा....

बस दिल यही मांगे,खुदा से दुआ....

हसती रहे , मुस्कराती रहे...
मेरी वान्या यूहीं ,खिलखिलाती रहे.... 

रविवार, 18 जून 2017

कर के अलविदा ,तुमसे Niagara .... आऊंगा फिर से ये हैं वादा हमारा .....

May - 2011 - 1st  Visit Alone 

ये झरने की झम झम ,ये पानी की खन खन....... 

महकायें तन मेरा ,लूटे मेरा मन....... 

कहता है ये पानी ,झरने का जैसे ...... 

न जाओ ,यहीं रुक जाओ ,यहीं जीवन हो जैसे ..... 

करके अलविदा ,तुमसे Niagara ...... 

आऊंगा मैं फिर से , ये है वादा  हमारा ....... 


June -2017 - 2nd Visit with Family(Vanya  & Shweta )

आया हूँ  फ़िर  से  , पूरा  करने  वो  वादा  पुराना
इस  बाऱ है  संग , मेरी गुड़िया  ,औऱ जीवनसाथी  हमारा 

6  साल  का  था  , ये इंतज़ार  हमारा .....
बदला है  काफ़ी  ,तब  से  वैसे  यूँ  ज़माना .....

पर  तुम  न  बदले , हम  भी  न  बदले ..
लहरा  रहे  तुम  , गाते  वही  तराना ....

तब  थे  अकेले  हम  ,झूमें  भी  अकेले  हम
वान्या  और  श्वेता संग  है  अभी  तो , न  ख़ुशियों  का  ठिकाना .....

महक़ते  रहो  युहीं , यही  बस  दुआ  है  हमारी .....
देते  रहो  सबको  युहीं  खुशियाँ  सारी ...

तुम  भी  महकों ,हम  भी  महके , और  महकता  रहे युहीं  चमन  हमारा .......

कर  के अलविदा  ,तुमसे  Niagara
आऊंगा फिर  से  ये  हैं  वादा  हमारा .....

इस बार संग  होगा ........
                                ...................  बाग़बान भी हमारा ….. To be continued (next visit with Mom and Dad...)

July 2023 -3rd Visit with Family and Friends

फिर आया हूँ तुझे मिलने वो Niagra.
साल गिने तो हुआ फिर से वही ६ साल 
पता नहीं ये ६ साल का क़िस्सा है क्या 
बागवान नहीं एस बार भी संग ,
ग़र संग लाया हूँ एक दोस्त पुराना 

बिटिया वान्या , ने कड़ी बड़ी मस्तियाँ 
संग हमने गया, फिर से वही तराना.

करके अलविदा तुमसे niagra
आऊँगा फिर से ये है वादा है हमारा


शनिवार, 10 मार्च 2012

श्वेता और गौरव में लगी, प्रेम लगन...........

पलछिन , एक चिन्ह , एक गहराई जैसे....
वो है मेरी बस , एक परछाई जैसे...

हँसती है वो ऐसे, हँसा जाती है हमे...
यूँ देख कर एक नज़र , गुद गुदा जाती है हमे...

उस खुदा की रहमत से , मिले है हम तुम...
इक प्रेम की डोर से , बधे हैं हम तुम...

संग है अपना ,अब जन्मो जनम...
श्वेता और गौरव में लगी,  प्रेम लगन...

शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे …

इस सफ़र का सफ़र, और ये राहे गुज़र...
दिल में जैसे उठती है, बस एक लहर..


तुझसे मिलने के दिन , यूँ करीब आ रहे...
लग रहे हैं अब तो युग ,जैसे एक एक प्रहर...


बस रहे अपना संग, यूँही ज़न्मो जन्म..
प्यार बढ़ता रहे , हो न कभी कोई गम...